सखी वो मुझ से कह कर जाते
कह तो क्या वो मुझको अपनी पगबाधा ही पाते
यशोधरा की इन पंक्तियों को कालेज में पढ़ा था
परीक्षा में आये प्रश्न के उत्तर को भी गढ़ा था
पर समझ नहीं पाया था पंक्तियों की गहराई को
सिद्धार्थ के असमंजस या उसकी बेबफाई को
धम्म-घोष में कहीं दब गयी यशोदा की आह
राहुल का बचपन और पिता के प्यार की चाह
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