Thursday, June 6, 2013

सखी वो मुझ से कह कर जाते

सखी वो मुझ से कह कर जाते 
कह तो क्या वो मुझको अपनी पगबाधा ही पाते 
यशोधरा की इन पंक्तियों को कालेज में पढ़ा था 
परीक्षा में आये प्रश्न के उत्तर को  भी गढ़ा था 
पर समझ नहीं पाया था पंक्तियों की गहराई को 
सिद्धार्थ  के असमंजस या  उसकी बेबफाई को 
धम्म-घोष  में कहीं दब गयी  यशोदा की आह 
राहुल का बचपन और पिता के प्यार की चाह 






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