वो खास अहसास फिर पास था
अच्छा हुआ उसे न कुछ याद था
वरना मैं खुद को ऐसे दौर में पाता
जहां से रुट बदलना मुश्किल हो जाता
बात तो सिर्फ आगे जाने की हो सकती है
अच्छा हुआ उसे न कुछ याद था
वरना मैं खुद को ऐसे दौर में पाता
जहां से रुट बदलना मुश्किल हो जाता
बात तो सिर्फ आगे जाने की हो सकती है
क्योंकि पीछे मुड़कर देखा तो जा सकता है
लेकिन उसको जिया तो नहीं जा सकता है |
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