Sunday, June 23, 2013

आपके लिए ये बड़ा सा सॉरी है

आपके लिए ये बड़ा सा सॉरी है
ये मन की बेचैनी है या मौसम की हलचल
क्यों हो रहा था मन बेचैन, अशांत हर पल
किन बातों को ये दिल सह नहीं पा  रहा
क्यों निर्णय लेने मैं इतना समय लगा रहा
शांत चित्त होकर जब बैठा था चुपचाप
आत्मचिन्तन ने कर दिया सब साफ साफ
किनके कहे से मैं परेशान हो रहा था
क्यों  ये दिल बेकार में  रो रहा था
ये वही हैं जो बिना सोचे निर्णय सुनाते  हैं
गलत होने पर भी जरा नहीं शरमाते हैं
गलती उनकी नहीं मेरी है
आपके लिए ये बड़ा सा सॉरी है
                                         ओ० पी ०

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