बिहार दिवस मनाने गाँधी मैदान गया,
अच्छा लगा वहां का बिहारीपन
इतिहास के गौरव का प्रस्तुतीकरण
रात दस बजे के बाद भी लोगों का आना
दुधिया रोशनी में नहाना
दुधिया रोशनी में नहाना
इसे त्यौहार की तरह मनाना
पर क्या हम सजे सवारे पंडाल को
साफ नहीं रख सकते ?
कचरे का प्रवंदन नहीं कर सकते ?
स्वक्चता और आस्था का पर्व मनाने वाले
हम बिहारी कोईं नहीं रख पाते
अपने परिवेश को साफ
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