है ज़िन्दगी नाम इसी का कि
घरों की खिड़कियों पर
झालड़ अब भी थे पटे हुए,
और चिराग़ जो थे घर के
यूँही चुपके से निकल गए!
चिराग राैशन रहे
हमसब की दुआ है
आप जहॉं गये
जग राेशन हुआ है.
ऐसे देदीप्यमान काे
घर में राेकें ऐसे हम नहीं
जहाँ जगमगाये घर अंधेरा भी रहे
ताे काेई गम नहीं
घरों की खिड़कियों पर
झालड़ अब भी थे पटे हुए,
और चिराग़ जो थे घर के
यूँही चुपके से निकल गए!
चिराग राैशन रहे
हमसब की दुआ है
आप जहॉं गये
जग राेशन हुआ है.
ऐसे देदीप्यमान काे
घर में राेकें ऐसे हम नहीं
जहाँ जगमगाये घर अंधेरा भी रहे
ताे काेई गम नहीं